लेले हरि को नाम जगत में,
दोहा – सुख का साथी सब जगत,
दुख का नाहीं कोए,
सभी सहारे जगत के,
झुठा सपना होए।
लेले हरि को नाम जगत में,
अंत आये तेरे काम,
जगत में लेलें हरि का नाम।।
तर्ज – उड़ चले अपने देश पंछी रे।
जग सपना है टुट जायेगा,
सब अपना है छुट जायेगा,
कोई ना तेरा साथी जगत में,
लेले हरि को नाम जगत मे,
अंत आये तेरे काम,
जगत में लेलें हरि का नाम।।
जीवन मेला दो दिन का है,
कौन यहां पे सदा रहता है,
चिंटीं लेकर हाथी जगत में,
लेले हरि को नाम जगत मे,
अंत आये तेरे काम,
जगत में लेलें हरि का नाम।।
धसका पागल का मान लें कहना,
हरि भजन में सदा ही रहना,
ना रूक जाये सांस जगत में,
लेले हरि को नाम जगत मे,
अंत आये तेरे काम,
जगत में लेलें हरि का नाम।।
लेले हरि को नाम जगत मे,
अंत आये तेरे काम,
जगत में लेलें हरि का नाम।।
गायक / प्रेषक – बाबा धसका पागल जी।
7206526000