ले ले सुवा हरी नाम,
नाम लिया तिर जासी,
भज पंछी भगवान,
काया थारी है काची,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
सिवरू शारदा मात,
शारदा तू शांची,
लागू गूरू जी रे पांव,
गुरु पोती बाँची,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
कूण थारो मां और बाप,
कूण थारो संग साथी,
कूण देवला आदर भाव,
कूण आगो लेसी,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
सत मारो माय र बाप,
धरम मारो संग साथी,
गुरु देला आदर भाव,
अलग आगो लेसी,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
सौ मण उल्जो सूत,
सूत कूण सलजासी,
गुरु महारा चतुर सुजान,
जुगत कर सुलजासी,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
माटी की गणगौर,
गागरो गम काशी,
ओढण दिखनी रो चीर,
बजारा रम जासी,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
बोल्या पूर्ण दास,
गुरु मिल्या रविदासी,
बैठा है आसन ढाल,
भजन में लिव लागी,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
ले ले सुवा हरी नाम,
नाम लिया तिर जासी,
भज पंछी भगवान,
काया थारी है काची,
ले ले सुवा हरि नाम,
नाम लिया तिर जासी।।
गायक – मोइनुद्दीन मनचला।
प्रेषक – दामोदर जांगिड़ 9921338629
इस भजन में कलाकार ने फालतू की एक्टिंग ज्यादा की है वरना इसी भजन को कवि विशाल दान चरण ने बहुत ही उम्दा स्वर में गाया है मन सुन कर प्रसन्न हो जाता है।