लिख दी ये जिंदगानी,
तेरे नाम बांके बिहारी
तेरे दर पे बीत जाए,
तेरे दर पे बीत जाए,
मेरी उमर ये सारी।।
तर्ज – तेरे नाम का दीवाना।
तेरे नाम का रस पीता रहूँ,
दर्शन की आशा पे जीता रहूँ,
यही बात मन में ठानी,
यही बात मन में ठानी,
हो जाए कृपा तिहारी,
तेरे दर पे बीत जाए,
मेरी उमर ये सारी।।
लीलाओं का आस्वादन करूँ,
वाणी से नित नाम गायन करूँ,
दर दर की खाक छानी,
दर दर की खाक छानी,
मिले मुझको शरण तुम्हारी,
तेरे दर पे बीत जाए,
मेरी उमर ये सारी।।
‘चित्र विचित्र’ के प्यारे हो तुम,
पागल के नैनों के तारे हो तुम,
इस जग को क्या बतानी,
इस जग को क्या बतानी,
मेरी तुम्हारी यारी,
तेरे दर पे बीत जाए,
मेरी उमर ये सारी।।
लिख दी ये जिंदगानी,
तेरे नाम बांके बिहारी,
तेरे दर पे बीत जाए,
तेरे दर पे बीत जाए,
मेरी उमर ये सारी।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
देखें – लिख दी मैंने कर दी मैंने।