लिखमोजी भक्ति कमाई रे,
सारे जुग में है सरसाई रे,
सारे जुग मैं है सरसाई रे,
संतों रे मनडै भाई रे।।
माली घर में जामो पायो,
माली कुल रो माण बढायौ,
ओ तो गांव चैनार रे माई रे,
थे पूर्ण भक्ति पाई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
भदाणा सु एक सेवक आयो,
जागण दैणी यु बतलायौ,
जागण मैं थाने आणो रे,
पण वार तिथि ना बताई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
लिखमीदासजी हां भर लेने,
आऊ भाई यूँ कह दैवै,
अब दिनडा बितया थोडा रे,
बाबा री दशमी आई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
घर सूं चालया नागौर ताई,
इनाणे एक मिलियो भाई,
सतसंग रा वायक झेलियां ओ,
आणो रो वचन दिरायो रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
वायक लें भदाणा सूं आयो,
घर वायक दै पाछौ चाल्यो,
घर लिखमीदासजी पुगा रे,
जागरण री बात बताई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
घर का बौलया वायक आया,
भदाणा सूं एक सेवक लाया,
जागण में थाने बुलाया रे,
अब बात समझ ना आई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
दोनों जागण मैं जाणौ पडसी,
दोनों वचन निभाणा पडसी,
लिखमोजी खूब विचारी रे,
पण बात समझ ना आई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
हरि ने सिवर चालया ईनाणा,
चलता पुगया जाय ठिकाणा,
अब हरि ने जाय रिझाया रे,
हरि भगता रे मन भाया रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
रामदेव जी रूप बणायौ,
बण लिखमौ भदाणै आयो,
अब जागण जगाईं भारी रे,
बाबौ भगता री आण निभाई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
एक लिखमोजी दो जगह जावै,
भगतों रे बिच में भजन सुणावै,
बाबै री लीला न्यारी रे,
जानै कोई समझ ना पाई रे,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
बाबौ जिण रे हाजर आवै,
ऐडा ऐडा काज भगत रा सारे,
बाबौ भगता रो भैष बणायौ,
बाबौ भगता रे हित आयो रै,
लिखमोजी भक्ति कमाईं रे,
सारे जुग में है सरसाई रे।।
लिखमोजी भक्ति कमाई रे,
सारे जुग में है सरसाई रे,
जुग मैं है सरसाई रे,
संतों रे मनडै भाई रे।।
Singer – Prakash Mali Ji
Upload By – Gaurav Joshi
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गुरु देवन का देव हो,आप बड़े जगदीश ।
बेडी भवजल बीच में , गुरु तारों विश्वास।।