राजस्थानी भजन

लियो जम्भेश्वर अवतार धिन गुरु देव ने भजन लिरिक्स

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जुग तारण हरी आविया ओ,
जुग तारण हरी आविया,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



माता हंसा ज्यारी केसरी,

पिता लोहट क्षत्रिय कुमार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



जिला रे जोधपुर गाँव पीपासर,

जित अवतार लियो जम्भेश्वर,
कियो पीपासर उजियार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



पंद्रह सौ आठे की साल में,

भादवे री आठम सोमवार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



चारखूट और चोवदे भवन में,

घूमिय ओ सिरजन हार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



जाम्भाणी पंथ सही कर मानो,

हैं खांडे री आ धार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



उनतीस नियम बताविया,

कोई इमारत पाल पिलाय,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



अनवी राजा निवाविया,

कोई शब्दों रो ज्ञान सुणाय,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



रामकरण चरणों रो चाकर,

म्हाने भव सू ओ पार उतार,
धिन गुरु देव ने,
लियों जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।



जुग तारण हरी आविया ओ,

जुग तारण हरी आविया,
लियो जम्भेश्वर अवतार,
धिन गुरु देव ने।।

गयाक – मनोहर विश्नोई।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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