माँ अपने दिल से भुला तो ना दोगी,
दोहा – कागा सब तन खाईयो,
मेरा चुन चुन खाइयों मास,
पर दो नैना मत खाईयो,
मोहे माँ की मिलन की आस।
माँ अपने दिल से भुला तो ना दोगी,
हँसते हुए को माँ रुला तो ना दोगी,
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी।।
नौ महीने गर्भ में रखकर,
हमको जनम माँ देती है,
खुद सोती है गीले में,
सूखे में हमको रखती है,
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी।।
बेटा बेटा कहके पहले,
माँ कहना सिखलाती है,
पकड़ के मेरी उंगली,
फिर चलना मुझे सिखाती है,
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी।।
पढ़ा लिखा कर मुझको माँ,
बी ए पास कराती है,
माँ को भूल ना पाऊं मैं,
ऐसा मुझे सिखाती है,
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी।।
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी,
हँसते हुए को माँ रुला तो ना दोगी,
मां अपने दिल से भुला तो ना दोगी।।
Singer/Writer – Jogender Chanchal