माँ बाप ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
दोहा – हो जाए पूत कपूत,
मूंग छाती पर दलता,
झूठ कहती है दुनिया,
बेटा बिन वंश नहीं चलता।
ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने,
भक्ति में नाम कमाया है,
पर मीरा के औलाद नहीं,
सारे जग में नाम कमाया है।
देखो राम जी की जमीन का,
होग्या क्यारा,
माँ बाप ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
दोहा – भूल गया सब रित प्रीत जी,
धर्म युगा की बाता,
और आज काल का मार रिया,
भाई माय बापा के लाता।।
लागे घर की लुगाई,
छोरा छोरी प्यारा,
माँ बापा ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
दोहा – हद से आगे बढ़ती औरत,
पति पर रोब जमावे,
सासु आगे सामी बोले,
फोना पर बतलावे।
लागे घर का खारा जी,
वाने दूजा प्यारा,
माँ बापा ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
दोहा – बूढ़ो बाप करम को भोगी,
काम करे दिन रात,
छेला बनकर फिरे छोकरा,
कदी ना देवे साथ।
मोज्या माड़ता फिरे जी,
सारी गलिया रा,
माँ बापा ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
दोहा – मंदिर सुना मेखाना में,
लगे पाप का डेरा,
मालूणी ने आवे अब तो,
सतयुगा रा हेरा।
धोली कामनि पे दाग,
लगाया कारा,
माँ बापा ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
देखो राम जी की जमीन का,
होग्या क्यारा,
माँ बापा ने छोड़,
बेटा होग्या न्यारा।।
गायक – रामकुमार जी मालूणी।
प्रेषक – शम्भू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560