माँ काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई,
जय हो कालका माई,
तेरी जय हो कालका माई।।
देखे – काली काली अमावस की रात में।
असुरों का ये वध करने को,
काली रूप में आई,
मां काली रूप में आई,
दुष्टों का संहार किया जब,
शांत न होने पाई,
मां शांत ना होने पाई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
मां काली के क्रोध की ज्वाला,
किसी से रुक ना पाई,
किसी से रुक ना पाई,
देवी देव जो सामने आए,
मां ने कटार चलाई,
मां ने कटार चलाई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
शिथिल हुए जब देवी देवता,
शिव को अर्ज लगाई,
शिव को अर्ज लगाई,
बात सुनी जब महादेव ने,
अदभुत लीला रचाई,
अदभुत लीला रचाई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
उठ खड़े हो भोलेबाबा,
रण में शक्ति दिखाई,
रण में शक्ति दिखाई,
मां के पांव तले आकर,
मां काली शांत कराई,
मां काली शांत कराई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
मां ने क्रोध में पांव धरा,
नही दिया था कुछ भी दिखाई,
नही दिया था कुछ भी दिखाई,
शांत हुई भोले को देख जब,
रूदन में मां चिल्लाई,
रूदन में मां चिल्लाई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
इसी रूप में मां काली,
भद्रकाली कहलाई,
मां भद्रकाली कहलाई,
सभी देवी देवों ने अंत में,
जय जयकार लगाई,
जय जयकार लगाई,
मां काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई।।
माँ काली ने देखो,
भक्तों लीला रचाई,
जय हो कालका माई,
तेरी जय हो कालका माई।।
स्वर / रचना – तान्या भारद्वाज।
9716106298