माँ के दर्शन पायो नवरात्री भजन,
तर्ज – प्रेम रतन धन पायो।
श्लोक – शेरावाली मेहरवाली,
जोतावाली माँ,
सबका मंगल करने वाली,
दुर्गा काली माँ, दुर्गा काली माँ।
सौलह श्रृंगार किये,
शेर पे सवार है,
मैया शेरावाली आज,
आई मेरे द्वार है,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे,
मैया के दिन आयो, आयो,
मैया के दिन आयो, आयो,
माँ के दर्शन पायो,
मैया के दिन आयो।।
कलश सजाओ आज सुहागन,
मंगल गान करो,
नौ दिन की नवरात्री आई,
माँ का मान करो,
माँ का ध्यान करो,
मैया जी आँखों में देखो भरा प्यार है,
आंचरा में माई के ममता दुलार है,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे,
मैया के दिन आयो, आयो,
मैया के दिन आयो, आयो,
मन उमंग भर आयो,
मैया के दिन आयो, आयो,
मैया के दिन आयो।।
बिन माँगे माँ सबकुछ देगी,
भर देगी भंडार,
सबके सारे दुःख हर लेगी,
माँ को है सबसे प्यार,
कर देगी बेड़ा पार,
मैया जी दयाली है सबपे कृपाली है,
माँ के दरबार में सभी तो सवाली है,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे,
मैया के दिन आयो, आयो,
मैया के दिन आयो, आयो,
माँ के दर्शन पायो,
मैया के दिन आयो।।
सौलह श्रृंगार किये,
शेर पे सवार है,
मैया शेरावाली आज,
आई मेरे द्वार है,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे आयो,
आयो रे आयो रे आयो रे,
मैया के दिन आयो, आयो,
मैया के दिन आयो, आयो,
माँ के दर्शन पायो,
मैया के दिन आयो।।
Singer : Tripti Shakya