माँ शेरावाली जग से निराली,
दोहा – माँ की ममता से,
सुकून मिलता है,
माँ की ज्योति से,
नूर मिलता है,
जो भी सच्चे मन से,
मैया के दर पे आता है,
कुछ ना कुछ तो जरूर मिलता है।
माँ शेरावाली जग से निराली,
सुनती है सबकी,
आये जो भी दर पे,
मैं भी दर पे तेरे आ गया,
मैं मालामाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया।।
तेरी दया से ओ मेरी मैया,
काम हमारा चलता है,
तेरे ही सहारे से मेरी मैया,
परिवार मेरा पलता है,
इतनी कृपा बस करना ओ मैया,
संग हमेश रहना ओ मैया,
मुझको तेरा दर ओ मैया भा गया,
मैं मालामाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया।।
बीच भवर में नाव फसी जब,
तुमने किनारे लगाया माँ,
इस जग में है सबको मैया,
एक तेरा ही सहारा माँ,
एक नज़र कृपा की कर दो,
झोली है खाली मेरी भर दो,
माँगा जिसने तेरे दर से पा गया,
मैं मालामाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया।।
तेरी महिमा जग से निराली,
जीवन का बस सार है तू,
तुम सत्यम तुम शिवम सुंदरम,
हम सब चपल जी तेरे तू,
कण कण में है वास तुम्हारा,
मेरे ह्रदय में नाम तुम्हारा,
सच्चे दिल से जिसने चाहा पा गया,
मैं मालामाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया।।
माँ शेरावाली जग से निराली,
सुनती है सबकी,
आये जो भी दर पे,
मैं भी दर पे तेरे आ गया,
मैं मालामाल हो गया,
मैं मालामाल हो गया।।
Singer – Vineet Dubey