माँ वैष्णो के दर पे,
कमाल हो गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
माँ के दर पे जो भी,
सवाली आ गए,
लौट के वो दर से,
कभी खाली ना गए,
बांह ऐसी पकड़ी,
मैं निहाल हो गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
कटरा की वादियों का,
नूर निराला,
जिसको माँ बुलाती,
बड़ा किस्मत वाला,
मन में माँ के दर्शन का,
खयाल आ गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
चढ़ के चढ़ाइयां,
मां के दर जो आया,
जिसने जो मांगा,
वो वर है पाया,
द्वार मां के जाके,
खुशहाल हो गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
चरणों में मां के झुकाया,
जिसने शीश,
धन्य हुआ पा के,
वो मां का आशीष,
मां के रंग में रंग मैं,
लालो लाल हो गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
माँ वैष्णो के दर पे,
कमाल हो गया,
भगत जो भी आया,
मालामाल हो गया।।
स्वर – तान्या लाडली भारद्वाज।
9716106298