मात जगदम्बे तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदम्बे।।
तर्ज – एक तेरा साथ।
थोड़ी सी मिल जाये कृपा हमे तेरी,
तो रंग जीवन के खिल जाए,
मुझको धरती पर ही जन्नत की सारी,
खुशियां मात मिल जाये,
मेरे मन मंदिर में तेरे नाम का उजारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदम्बें तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जागदम्बे।।
कहते है बिन मांगे देती है तू सबकुछ,
तो कोई तुझसे क्या मांगे,
तेरे दर्शन की बस एक अभिलाषा,
और झूठा सब तेरे आगे,
नाम एक साँचा बाकी झूठा जग सारा है,
तू ही तो एक सहारा है।।
मात जगदम्बें तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जागदम्बे।।
ये चंद सोने के सिक्के मेरी अम्बे,
झूठी सारी माया है,
जन्म लेकर के और मिट जाती,
भला ये कैसी क्या है,
राजेन्द्र ने जाना साँचा तेरा दीदारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदम्बें तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
मात जागदम्बे।।
मात जगदम्बे तेरे बिन,
कोई ना हमारा है,
तू ही तो एक सहारा है,
मात जगदम्बे।।
गायक / प्रेषक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340