माटी को खिलौनों है,
मन में जचाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
तर्ज – छुप गया कोई रे।
तने तो जरुरी प्यारा जाणो पड़ेगो,
करनी करि तो पछतानों पड़ेगो,
घड़ी दो घड़ी हरी की,
घड़ी दो घड़ी हरी की यादा में बिताए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
माटी को खिलौनो है,
मन में जचाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
काया है झूठी जग की माया झूठी,
चार दीना में होजा दुनिया से छुट्टी,
श्याम नाम गंगा माहि,
श्याम नाम गंगा माहि डुबकी लगाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
माटी को खिलौनो है,
मन में जचाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
दिन चढ़ आया करले चैत ओ दीवाना,
बित्योड़ा दिन तेरा पाछा नहीं आणा,
करके जतन ‘शिव’,
करके जतन ‘शिव’ मन समझाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
माटी को खिलौनो है,
मन में जचाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
‘श्याम बहादुर’ तेरो श्याम है सलोनो,
घेर के गुवाल ले जा दुनिया को छुणो,
पूंजी तो समूळी गई,
पूंजी तो समूळी गई ब्याज तो चुकाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
माटी को खिलौनो है,
मन में जचाए ले,
कद उड़ जा सी हंसो,
हरी गुण गाइले।।
Singer : Sanju Sharma