मायलो जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
लोहा री जंजीर झकड बंधीया हाथी जी,
अंत समय में थारो कोई नहीं साथी,
अरे लोहा री जंजीर झकड बंधीया हाथी जी,
अंत समय में थारो कोई नहीं साथी,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
अरे सोना हंदा महल रूपा हंदा साजा जी,
अरे राज करे वो काया नगरी रो राजा,
सोना हंदा महल रूपा हंदा साजा जी,
अरे राज करे वो काया नगरी रो राजा,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
ए हे अरे गस गया महल बिखर गया साजा जी,
अरे बिलखो फिरे रे काया नगरी रो राजा,
गस गया महल बिखर गया साजा जी,
अरे बिलखो फिरे वो काया नगरी रो राजा,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
अरे जड की तो भीत पवन की माटी जी,
उड गया हंस पडी रही माटी,
जड की भीत पवन की माटी जी,
उड गया हंस पडी रही माटी,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
एक कुआँ है पाँच पिनहारी जी,
अरे पानीडो भरे वे तो न्यारी रे न्यारी,
एक कुआँ है पाँच पिनहारी जी,
अरे पानीडो भरे वे तो न्यारी रे न्यारी,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
अरे जल बीच यमुना ऊपर बसे काशी जी,
वहा पर राज करे रे अविनाशी,
जल बीच यमुना ऊपर बसे काशी जी,
वहा पर राज करे रे अविनाशी,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
अरे सूख गया नीर सूखन लागी क्यारी जी,
अरे बिलखी फिरे वे तो पाचो पिनहारी,
सूख गया नीर सूखन लागी क्यारी जी,
अरे बिलखी फिरे वे तो पाचो पिनहारी,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलो जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
अरे सीताफल रूख शीतल ज्यारी छाया जी,
बाई रे रूपादे हरी जश गाया,
सीताफल रूख शीतल ज्यारी छाया जी,
बाई रे रूपादे हरी जश गाया,
मायलों जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलो जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
मायलो जाने रे अमर मारी काया जी,
लोभीडो जाने रे सुन्दर मारी काया,
धन रे जोबन बादल वाली छाया जी,
थोडा जीवना रे खातीर काई जोडे माया,
मायलो जाने रे अमर मारी काया जी ओ जी।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818