महाबली बजरंगबली मैं,
अर्ज करूँ कर जोड़ के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
शरद पूनम की रेण प्रगटे,
महावीर रणबंका,
सीता की सुध लेने खातिर,
जा पहुंचे गढ़ लंका,
असुरों को तो क्षण में मारयो,
मारयो पटक उठा के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
शक्ति बाण लक्ष्मण लागे,
व्याकुल रामा पार भऐ,
उसी पल संजीवनी लाने,
लाने को तैयार हुए,
उसी पल संजीवन लायो,
लायो गिरवर तोड़ के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
अहिरावण जब राम लखन को,
ले गए पाताल किनार,
दुष्टो सहित अहिरावण मारयो,
दुष्ट रहे सारे घबरा,
भक्ता की तू बात में आयो,
आयो पल दौड़ के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
मंगलवार को बरत करीजे,
नेम सरीसा ध्यान धरे,
दुख संकट मिट जावे उनका,
जैसा उनका ध्यान धरे,
परशुराम शरण में आयो,
अरज करे कर जोड़ के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
महाबली बजरंगबली मैं,
अर्ज करूँ कर जोड़ के,
मैं तेरे द्वार आया हूं,
सारा जग छोड़ के।।
गायक – पुनमजी लटियाल।
प्रेषक – सुभाष सारस्वत काकड़ा
9024909170
https://youtu.be/LkQaEUBmuZ0