महादेव का दिवाना,
महाकुम्भ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।।
प्रयाग हरिद्वार और,
उज्जैनी नाशिक में,
बारह बरसों बाद आता,
संतों के मिलन में,
सदीयों से मेरे देश में,
किर्ति बढ़ा रहा है,
मेरे भोले का दिवाना,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।।
दर्शन जो भक्त पाते,
पावन ऋषि मुनि के,
उद्धार उसी का होता,
जो भेद मिटा दे मन के,
अभीमानी धुर्त वहाँ पे,
रिले बना रहा है,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।।
वहाँ प्रेम को जगाओ,
और दुष्टता मिटाओं,
गरीब ना सताओ,
फर्जी रिले ना बनाओ,
कहता है ‘देव शर्मा’,
कली बढ़ता जा रहा है,
मेरे भोले का दिवाना,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।।
महादेव का दिवाना,
महाकुम्भ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।।
गायक / लेखक – देव शर्मा आमा।
8290376657