महाकाली आरी रे,
ओ काली केश विकराल,
हाथ में कटारी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
जब तक माँ मेरे साथ में तू,
कुछ न बिगाड़ पायेगा,
मेरे पीछे जोर जमावे,
उसके आगे हार जायेगा,
खप्पर धारी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
जो शक्ति से अनजान तू,
थने महिमा आज बताऊ में,
शुम्भ निशुम्भ मारन वाली,
महाकाली से मिलवाउ में,
रक्त पीवणनारी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
माँ राक्षश ने संगार के,
पहने मुंडो की माला रे,
जब लगे ललकार हे,
उसकी लगे जुबा पर ताला रे,
क्रोध में आरी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
महाकाली की बड़ी लाड़ली,
महिमा करिश्मा गावे हे,
तेरा धर्म भगत भी कहता,
तेरे बिना रहा न जावे हे,
मिलण आरी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
महाकाली आरी रे,
ओ काली केश विकराल,
हाथ में कटारी रे,
ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महांकाली आरी रे।।
प्रेषक और गायक – धर्मेंद्र तंवर।
9829202569
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