महाकाली तने आज पड़े माँ आना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
पान और पेड़ा भेट धरी मां काली,
आके रोग काट दे खपर आली,
पांच पतासे लौंग का भोग लगाना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
भर के ने हुंकार मां काली चाली आईए,
दुष्टा की मां छाती पाड़ दिखाइए,
संकट से मां जान तू मेरी बचाना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
एक भरोसा मां काली मने तेरा,
और बताऊं के तने सब कुछ बेरा,
आज काल का सत की ज्योत जगाना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
राकेश कौशिक तने रूके मारे,
तेरे होते भगत तेरा ना हारे,
मां बेटे का रिश्ता आज निभाना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
महाकाली तने आज पड़े माँ आना,
दुखिया का री रोग पड़ेगा मिटाना।।
गायक – नीरज शर्मा खेड़का बहादुरगढ़।
9728792190
लेखक – राकेश कौशिक।
प्रेषक – अनुपम शर्मा।
7988430353