मैं आ गया ओ शेरोवाली,
तेरे दरबार आ गया,
तूने मुझको बुलवाया,
मैं दौड़ा तेरे द्वार आ गया,
मैं आ गया ओ शेरों वाली,
तेरे दरबार आ गया।।
तर्ज – जिंद ले गया।
तू ही अम्बे तू जगदम्बे,
दुखियों के दुःख हर ले माँ,
तेरी दया से भाग्य सुफल हो,
ऐसी दृष्टि कर देना माँ,
नवरात्रि में दर्शन को पाया,
मैं तेरे दरबार आ गया,
मैं आ गया ओ शेरों वाली,
तेरे दरबार आ गया।।
भक्तों की करती रखवाली,
भरती हो ये झोली खाली,
नाम तेरा माँ इतना सुंदर,
सबके मन को भायी तुम हो,
तूने सबको बुलवाया,
की सारा संसार आ गया,
मैं आ गया ओ शेरों वाली,
तेरे दरबार आ गया।।
दुखियों को माँ तूने उबारा,
दुष्टों का संहार किया,
आज लगी है भीड़ तेरे दर,
आके कृपा कर दे मेरी माँ,
भक्तों ने तेरा गुण गाया,
तेरे दरबार आ गया,
मैं आ गया ओ शेरों वाली,
तेरे दरबार आ गया।।
मैं आ गया ओ शेरोवाली,
तेरे दरबार आ गया,
तूने मुझको बुलवाया,
मैं दौड़ा तेरे द्वार आ गया,
मैं आ गया ओ शेरों वाली,
तेरे दरबार आ गया।।
गायक – अजितेश मिश्रा।
8572909242