मैं आधीन तुम्हारा जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गंगा ने भगीरथ लायो,
रेवे जटा बीच धारा रे,
अनेक पापी आपने तारे,
माने थे पार उतारो जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गोरा बदन पर भस्म रमावत,
गले सोवे रुण्ड माला जी,
डमरू बजावत शंकर देखो,
पार्वती का प्यारा रे,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
हे भांग धतूरा अमल अरोगे,
विष रा करत आहारा रे,
कालो नाग थोरे गले विराजे,
आप हो दीनदयाला जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
हे खांड खोपरा घिरत मिठाई,
और दुधन कि धारा रे,
तान सेन थारो जस गावे,
बेड़ा थे पार लगावो जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
मैं आधीन तुम्हारा जी,
भोलेनाथ मापे किरपा करियो,
मै आधीन तुम्हारा जी।।
गायक – श्याम जी वैष्णव।