मैं आता रहूं दरबार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे।।
तर्ज – पलकों का घर तैयार सांवरे।
मेरी सारी दौलत बाबा,
तेरे चरण की धूलि,
तूने उस पल याद रखा जब,
सारी दुनिया भूली,
करना यूँही उपकार सांवरे,
करना यूँही उपकार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे।।
अपने बने पराए सारे,
तूने साथ निभाया,
धक्के खाए जग वालो से,
तूने हाथ फिराया,
यु ही फिराना हर बार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे।।
सर से लेकर पाँव तलक तक,
तेरा कर्जा है बाबा,
सोच नहीं सकता था उससे,
दिया है तूने ज्यादा,
‘श्याम’ का तू ही संसार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे।।
मैं आता रहूं दरबार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे,
मैं पाता रहूं तेरा प्यार सांवरे,
मैं आता रहूं दरबार साँवरे।।
स्वर – गिन्नी कौर जी।
Bahut ache lge jai shree shyam