खाटू वाले श्याम बिहारी,
अरज सुणो म्हारी,
मैं आया शरण तुम्हारी,
सच्चा लगे है दरबार,
सुणल्यो थे मेरी पुकार।।
तर्ज – पग पग दीप जलाएं।
सिर पर मुकुट सजा है प्यारा,
नैणा गजब थारा कजरारा,
होठां पे थारे या मुरली सोहे,
बजती बड़ी मीठी सुध बुध खोवे,
तान गजब की या प्यारी,
लागे है जादुगारी,
मै आया शरण तुम्हारी,
सच्चा लगे है दरबार,
सुणल्यो थे मेरी पुकार।।
नानी बाई भी थारो ध्यान धरी,
रो रो कर फरियाद करी,
नरसी भगत भी तने कहे हाथ जोड़,
आकर के लुटायो जब छप्पन करोड़,
भात भरयो बड़ो भारी बण्यो हितकारी,
मै आया शरण तुम्हारी,
सच्चा लगे है दरबार,
सुणल्यो थे मेरी पुकार।।
सौ कौरव मिल घात किया,
पांडव का तू जब साथ दिया,
तेरे जैसा दिखे कोई ना बलवान,
महाभारत के माहि शीश दिया दान,
अहलवती महतारी यूँ बोले कृष्ण मुरारी,
मै आया शरण तुम्हारी,
सच्चा लगे है दरबार,
सुणल्यो थे मेरी पुकार।।
खाटू वाले श्याम बिहारी,
अरज सुणो म्हारी,
मैं आया शरण तुम्हारी,
सच्चा लगे है दरबार,
सुणल्यो थे मेरी पुकार।।
गायक – ललित यादव।