मै तो अर्ज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।
श्लोक:- परमेश्वर से गुरु बड़े,
तुम देखो वेद पुराण,
सेख परिंदा यु कहे,
तो गुरू घर है भगवान।
मै तो अर्ज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने,
हेलो तख्त देवू की थाने,
म्हारी लाज शर्म सब थाने,
मै तो अर्ज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
गुरु मात पिता सुख दाता,
सब स्वारथ का है नाता,
एक तारण तिरण गुरु दाता,
ज्यारा चार वेध्द जस गाता,
मै तो अरज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
भवसागर भरियो भारो,
मने सुजत नही रे किनारो,
गुरु घट में दया विचारो,
मैं तो डूब रियो मजधारो,
मै तो अरज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
कोई संत लियो अवतारो,
जीवो ने पार उतारो,
माने आयो भरोसो भारो,
नही छोड़ू शरणों थारो,
मै तो अरज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
गुरु तन मन धन सब थारो,
चाहे सीस काट लो म्हारो,
जन दरियाराम राम पुकारो,
चरणा रो चाकर थारो,
मै तो अरज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
मै तो अर्ज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने,
हेलो तख्त देवू की थाने,
म्हारी लाज शर्म सब थाने,
मै तो अर्ज करू गुरु थाने,
शरणा में राखो म्हाने।।
Singer : Mahendra Singh Panwar
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244
Sandhar bhajn
Gjb
Yah bhajan hamen bahut badhiya laga