मैं बाबोसा का बेटा हूँ,
बाबोसा पालनहारे है,
मंजू बाईसा की छवि में हम,
श्री बाबोसा को निहारे है,
में बाबोसा का बेटा हूँ।।
तर्ज – मैं पल दो पल का शायर।
बाबोसा को हमने नही देखा,
बस छवि को दिल मे उतार लिया,
श्री बाईसा को ही हमने तो,
श्री बाबोसा स्वीकार किया,
बाईसा में है बाबोसा,
बाबोसा के रूप में बाईसा,
भक्तो को दर्शन देते है,
बाईसा के शरीर मे बाबोसा,
मैं बाबोसा का बेटा हूं,
बाबोसा पालनहारे है।।
बाबोसा की वो दिव्य शक्ति,
मंजू बाईसा ने पाई है,
परम् आराधिका बाईसा ने,
भक्तो की बिगड़ी बनाई है,
जब भक्त कोई याद करे,
दिल से कोई फरियाद करे,
सुनके पुकार बाईसा,
पूरी उनकी हर मुराद करे,
मैं बाबोसा का बेटा हूं,
बाबोसा पालनहारे है।।
अपने आँचल की छैय्या में,
हम बच्चो को सुलाती है,
एक माँ बनकर के बाईसा,
हरपल ही प्यार लुटाती है,
दिलबर जिनके दिल मे छवि,
श्री बाबोसा की रहती है,
शैलू उनको ये दुनिया,
श्री मंजू बाईसा कहती है,
मैं बाबोसा का बेटा हूं,
बाबोसा पालनहारे है।।
मैं बाबोसा का बेटा हूँ,
बाबोसा पालनहारे है,
मंजू बाईसा की छवि में हम,
श्री बाबोसा को निहारे है,
में बाबोसा का बेटा हूँ।।
गायक – शेलेन्द्र मालवीया इंदौर।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365