मै बालक तू सतगुरू मेरा,
मुझपे दया कर देना,
मुझपे दया कर देना।।
तर्ज – मेरे नैना सा्वन भादो।
नाम जपूँ हरदम,
मै सतगुरू तेरा,
तुम बिन और न क़ोई जग में,
एक सहारा तेरा,
तू है गुरुवर मेरा हो,
मन मे तेरी लगन लगी है,
और मगन कर देना,
मुझपे दया कर देना,
मुझपे दया कर देना।।
हे प्रभू घर मे मेरे,
छाया है अँधियारा,
चरण कमल मेरे घर मे रखदो,
मिट जाए अँधियारा,
हो जाए उजियारा,
भला या बुरा जैसा भी हूँ मै,
एक नजर कर देना,
मुझपे दया कर देना,
मुझपे दया कर देना।।
इस जन्म में तुमसे,
ग़र मै न मिल पाऊँ,
अगले जनम में जो,
नर तन पाऊँ तो,
तेरा दास कहाऊँ,
तेरी ही भक्ती पाऊँ,
इस जीवन का क्या है भरोसा,
कब हो जाए रैना,
मुझपे दया कर देना,
मुझपे दया कर देना।।
मै बालक तू सतगुरू मेरा,
मुझपे दया कर देना,
मुझपे दया कर देना।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
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