मैं भी उठाऊँ श्याम तेरा निशान,
कर दे मुझ पर ये अहसान,
इच्छा बड़ी है श्याम सरकार मेरे बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
तर्ज – जिसका मुझे था इंतजार।
मैंने सुना है श्याम तू दीनानाथ है,
जिसने पुकारा बाबा तू उसके साथ है,
हारे का सहारा तू बड़ा बलवान है,
भेद नहीं पाया तेरी महिमा महान है,
पागल हुआ मैं तेरे प्यार में बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
तेरा निशान श्याम तेरी पहचान है,
जिसने उठाया हुआ उसका कल्याण है,
जग का पालनहार श्याम सबका तू सहारा,
डूबते हुए को तू देता है किनारा,
नईयाँ पडी है श्याम मझधार में बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
तेरे दरबार की तो बात है निराली,
सच्चे मन से जो आया लौटा ना खाली,
सबकी तू लाज रखता मोहन मुरारी,
मैं भी तेरे दर पे आया बनके भिखारी,
अंखिया प्यासी है तेरे दीदार में श्याम,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
मैं भी उठाऊँ श्याम तेरा निशान,
कर दे मुझ पर ये अहसान,
इच्छा बड़ी है श्याम सरकार मेरे बाबा,
अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में,
बाबा अर्जी लगाऊँ तेरे दरबार में।।
गायक / लेखक – सुधीर राजपूत।
म्यूज़िक – DN मिश्रा जी।
अपलोड – शंकर यादव।
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