सिवरु देवी शारदा मां,
गणपत लागू पाय,
गणपत लागू पाय,
गाजण माताजी री महिमा गावु,
गाजण माताजी री महिमा गावु,
सुनजो ध्यान लगाय,
मैं चरण आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
पाली जिला में धाम आप रो,
धर्मधारी रे माय,
भवानी धर्मधारी रे माय,
ए ऊंचे आसन आप बिराजो,
गाजण मोटी मात,
भवानी गाजण मोटी मात,
ए भाखर फोड़ भवानी आया,
भाखर फोड़ भवानी आया,
गाजण मां कहलाय,
मै चरन आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
नवमी रो मां मेलो भरीजे
निवन करे नर नार,
गाजण मां निवन करे नर नार,
ए ढोल नगाड़ा नोपत बाजे,
आरतियां रे माय,
भवानी आरतियां रे माय,
ए दीन दुखी रा कारज सारो,
दीन दुखी रा कारज सारो,
परिहार कुल री राय,
मै चरन आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
ए परिहार कुल मां थाने मनावे,
राखो छत्तर छाव,
गाजण मां राखो छत्तर छाव,
ए लाल चुनरिया ओडो गाजण मां,
भगत लाया ए द्वार,
भवानी भगत लाया ए द्वार,
हेले हाजिर आवजो मां,
हेले हाजिर आवजो मां,
दर्शन दीजो आय,
मै चरन आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
दुष्ट संघारन भगत ऊबारन,
आप आया जग माय,
भवानी आप आया जग माय,
तीन लोक ओर चौदाह भवन में,
गूंजे थारो नाम,
गाजण मां गूंजे थारो नाम,
खोले खेले खेतलो मां,
खोले खेले खेतलो मां,
देवी रो अगवान,
मै चरन आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
गाजण मां रा परचा भारी,
इन कलजुग रे माय,
भवानी इन कलजुग रे माय,
मूरत लागे सोवनी मां,
महीमा वर्णीन न जाय,
गाजण मां री महिमा वर्णी न जाय,
मनीष सीरवी कलम चलावे,
मनीष सीरवी कलम चलावे,
जोगाराम जश गाय,
मै चरन आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
सिवरु देवी शारदा मां,
गणपत लागू पाय,
गणपत लागू पाय,
गाजण माताजी री महिमा गावु,
गाजण माताजी री महिमा गावु,
सुनजो ध्यान लगाय,
मैं चरण आपरी आया जी,
म्हारी गाजण मोटी मात,
परिक्रमा थारी लगावा,
मै तो धर्मधारी रे धाम।।
गायक – जोगाराम जी प्रजापत बाड़मेर।
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी।
रायपुर जिला ब्यावर राजस्थान।
9640557818