मैं दो दो माँ का बेटा हूँ,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है,
एक माता मेरी जननी है,
एक जग की पालनहारी है,
मैं दो दो मां का बेटा हूं,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है।।
तर्ज – मैं पल दो पल का शायर।
मैं जननी को जब माँ कहता,
वो सिर पे हाथ फिराती है,
त्रिशूल रुपनि मैया को,
वो जग माता बतलाती है,
मैं उसकी गोद में जाता हूँ,
वो तेरी शरण में लाती है,
अब तेरी शरण में आया हूँ,
तू क्यों ना गले लगाती है,
मैं दो दो मां का बेटा हूं,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है।।
जननी ने मुझको जनम दिया,
तुम बन के यशोदा पाली हो,
मेरी जननी की भी जननी,
तुम मैया शेरावाली हो,
वो लोरी मुझे सुनाती है,
तुम सत्संग मुझसे कराती हो,
वो भोजन मुझे खिलाती है,
तुम छपन भोग जिमाती हो,
मैं दो दो मां का बेटा हूं,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है।।
मैं दो दो माँ का बेटा हूँ,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है,
एक माता मेरी जननी है,
एक जग की पालनहारी है,
मैं दो दो मां का बेटा हूं,
दोनों मैया बड़ी प्यारी है।।
Singer – Manoj Kumar