मैं हार गया हूँ बाबा,
हारे का साथ निभाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
इक बार तो हाथ बढ़ाओ,
मैं हार गया हूं बाबा।।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या।
हारे का साथ निभाना,
तेरा दस्तूर पुराना,
मेरी उम्मीद भी तुम हो,
प्रभु मुझको भूल ना जाना,
काँटों के इस जीवन में,
इक बार तो फूल खिलाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
इक बार तो हाथ बढ़ाओ,
मैं हार गया हूं बाबा।।
विपदा ने घेर लिया है,
जख्मों ने ढेर किया है,
मैं आस लगाऊं किससे,
सबने मुँह फेर लिया है,
है आस की डोर ये नाजुक,
मुझे आकर धीर बंधाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
इक बार तो हाथ बढ़ाओ,
मैं हार गया हूं बाबा।।
माना की आँखें ये नम है,
होठों पे आया दम है,
मैं हार गया हूँ लेकिन,
विश्वास मेरा कायम है,
अब दूर करो दुःख मेरा,
खुशियों के दीप जलाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
इक बार तो हाथ बढ़ाओ,
मैं हार गया हूं बाबा।।
खाली जो दर से जाऊं,
क्या जग को मैं बतलाऊँ,
होगी बदनामी तेरी,
जो हरगिज मैं ना चाहूँ,
‘माधव’ अब हाथ में तेरे,
तरसाओ या हर्षाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
मैं हार गया हूं बाबा।।
मैं हार गया हूँ बाबा,
हारे का साथ निभाओ,
मैं बैठा बांह पसारे,
इक बार तो हाथ बढ़ाओ,
मैं हार गया हूं बाबा।।
Singer – Gudiya Vibha Mishra