मै हार के आया हुँ,
चरणों से लगा लो श्याम,
हारे का सहारा तू,
मुझे अपना लो श्याम।।
तर्ज – गर श्याम से मिलना है एक।
मैंने सुना है दर तेरे,
जो हार के आते हैं,
रोते हुए आते हैं,
हसते हुए जाते हैं,
मुझे अब नहीं रोना श्याम,
सीने से लगा लो श्याम,
हारे का सहारा तू,
मुझे अपना लो श्याम।।
मैं हार गया बाबा,
यहाँ दुनियादारी से,
बाकी की ज़िन्दगी श्याम,
कट जाए तेरे यारी से,
तेरे श्याम दीवानो में,
मुझको भी बिठा लो श्याम,
हारे का सहारा तू,
मुझे अपना लो श्याम।।
लाखों की किस्मत को,
तूने ही संवारा है,
अब ‘डाया सुनील’ को श्याम,
बस तेरा सहारा है,
खाटू नहीं अब छूटे,
ऐसा जतन बना दो श्याम,
हारे का सहारा तू,
मुझे अपना लो श्याम।।
मै हार के आया हुँ,
चरणों से लगा लो श्याम,
हारे का सहारा तू,
मुझे अपना लो श्याम।।
Singer/Writer – Sunil Daya Namdev