मैं हरयाणे तै आग्या भोले,
तनै मनावण न,
मेरा पैर उठै भोले बाबा,
तेरी कावङ लयावण न।।
भगवा रंग का परणा अपणे,
सिर प बाधं कै,
बढिया घुंघरू तेरे नाम के,
पैरा म बांध कै,
मेरा करगया जी भोलेनाथ,
आज तेरे दर्शन पावण न,
मेरा पैर उठै भोले बाबा,
तेरी कावङ लयावण न।।
यहां गंगा जी म गोते लावण,
आवै नर नारी,
कावङिये भी नहावै मिल कै,
भीङ लगै भारी,
मैने लोटा जल का भर लिया,
तेरे पै चढावण नै,
मेरा पैर उठै भोले बाबा,
तेरी कावङ लयावण न।।
गाम फुसगढ भोलेनाथ तेरा,
भवन निराला सै,
सुभाष शर्मा दर प आवै,
ना करता टाला सै,
मैने नौकर रखले अपणा,
तेरी टहल बजावण नै,
मेरा पैर उठै भोले बाबा,
तेरी कावङ लयावण न।।
मैं हरयाणे तै आग्या भोले,
तनै मनावण न,
मेरा पैर उठै भोले बाबा,
तेरी कावङ लयावण न।।
गायक – सुभाष शर्मा फुसगढिया।
8930008886