मैं हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।
श्लोक – इतना दिया मेरे बाबा ने मुझे,
जितनी मेरी औकात नहीं,
ये तो सब करम है इस बाबा,
वर्ना मुझमे तो कोई,
ऐसी बात नहीं।
मैं हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ,
जितनी तनख्वाह तू देता है,
उसमे परिवार चलाता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।
दर दर मेरा सर ये झुके ना,
सोच के दर तेरे आता हूँ,
तेरे जैसा मालिक पाकर,
दुनिया को बतलाता हूँ,
स्वाभिमान से जीने वालों,
स्वाभिमान से जीने वालों,
को तेरी बात बताता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।
तू ही जाने मैं क्या जानू,
कितना मेरा जीवन है,
अच्छी लगी हो सेवा मेरी,
फिर से जीवन समर्पण है,
अपने बच्चो को मैं सेवा,
करना तेरी सिखलाता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।
मुझसे काबिल मुझसे बेहतर,
सेवा को तेरी तरस रहे,
मुझ नालायक में क्या देखा,
सोच के नैना बरस रहे,
कहता ‘आदित्य’ भजन भाव से,
मैं दुनिया को बतलाता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।
मैं हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ,
जितनी तनख्वाह तू देता है,
उसमे परिवार चलाता हूँ,
मै हूँ तेरा नौकर बाबा,
नौकरी रोज बजाता हूँ।।
Singer : Aaditya Pandit
Bhagwan pe aapki bahut krapa ho