मैं खाटू आऊंगा,
हर ग्यारस को चरणों में,
शीश नवाऊंगा,
मेरे भजन से तुझको,
बाबा श्याम मैं रिझाऊंगा,
मैं छोड़ के सारे काज,
दर पे तेरे आऊंगा,
ग्यारस को खाटू आऊंगा।।
तर्ज – मोहब्बतें लुटाऊंगा।
खाटू वाले श्याम तेरी,
महिमा अपार है,
तेरी ही कृपा से मेरा,
सुखी संसार है,
तूने दिया है जीवन,
तेरा उपकार है,
तेरी मेहरबानियाँ मेरे,
श्याम तेरा प्यार,
भूल ना पाउँगा,
हर ग्यारस को चरणों में,
शीश नवाऊंगा,
मेरे भजन से तुझको,
बाबा श्याम मैं रिझाऊंगा,
ग्यारस को खाटू आऊंगा।।
मेरी मंजिल है तेरे,
दर पे ओ सांवरे,
पार लगा दे मेरे,
जीवन की नाव रे,
मेरे सपनो में आए,
श्याम तेरा गाँव रे,
चलने लगे है देखो,
खुद ही मेरे पाँव,
रोक ना पाउँगा,
हर ग्यारस को चरणों में,
शीश नवाऊंगा,
मेरे भजन से तुझको,
बाबा श्याम मैं रिझाऊंगा,
ग्यारस को खाटू आऊंगा।।
मेरे बाबा श्याम तू,
बड़ा दयावान है,
तेरी ही वजह से मुझे,
मिली पहचान है,
तुझमे मगन हूँ हरपल,
तेरा ही ध्यान है,
तेरा ये ‘विकास’ गाए,
तेरे गुणगान,
गाता ही जाऊंगा,
हर ग्यारस को चरणों में,
शीश नवाऊंगा,
मेरे भजन से तुझको,
बाबा श्याम मैं रिझाऊंगा,
ग्यारस को खाटू आऊंगा।।
मैं खाटू आऊंगा,
हर ग्यारस को चरणों में,
शीश नवाऊंगा,
मेरे भजन से तुझको,
बाबा श्याम मैं रिझाऊंगा,
मैं छोड़ के सारे काज,
दर पे तेरे आऊंगा,
ग्यारस को खाटू आऊंगा।।
स्वर – विकास कुमार।