मै तो आया आया थारे दरबार,
गुरूवर म्हारा ओ।
दोहा – चंडावल नगरी मायने,
मन्दिर बनीयो जोर,
कोयला टवुका करे,
जटे मधुरा बोले मोर।
मै तो आया आया थारे दरबार,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
ओ चंडावल में मन्दिर बनीयो,
वासुदेव जी रो भारी,
सूरज सामी बनीयो देवरो,
महिमा है अति भारी,
थाने पूजे पूजे चंडावल नगरी गाँव,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
लक्ष्मीबाई ओर कृष्णमूर्ति जी,
मन ही मन हर्षाया,
टेंबो जी महाराज वचना सु,
चौथी संतान वे पाया,
थेतो साचा साचा हो तपधारी,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
पिताजी रे स्वर्गवास पचे,
भक्ति रो पंथ अपनाया,
भावनगर मे आया गुरू,
श्री दरिया नाथ जी सु मिलीया,
थेतो किनी किनी दरिया नाथ जी री सेव,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
नाग पंचमी रे दिन गुरूजी,
चंडावल नगरी पधारीया,
चंडावल नगरी में भगतो रे मन में,
भगती रो भाव जगाया,
थेतो किनी किनी सब भगतो री सहाय,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
चंडावल नगरी में लिनी समाधि,
दुनिया दर्शन आवे,
शिवरात्रि ओर गुरू पूर्णिमा रो,
मेलो जोर भरावे,
थारी बोले बोले भगत जय जयकार,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
जगमग ज्योता जागे मन्दिर में,
भगत देवरे आवे,
भूल्या ने भटकीया ने वासुदेव,
साची राह बतावे,
थेतो कहिजो कहिजो,
भगती रा सच्चा साधक,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
‘मनीष सीरवी’ भजन बनावे,
इन्द्र गुण थारा गावे,
राजू सुथार शरणा मे आवे,
चरने शिश निमावे,
थेतो करजो करजो भवसागर सु पार,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
मैं तो आया आया थारे दरबार,
गुरूवर म्हारा ओ,
शरणे आयो री लजिया राखजो,
ओ गुरूजी शरणे आयो री लजिया राखजो।।
गायक – इन्दर जी शर्मा।
लेखक / प्रेषक – मनीष सीरवी
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818