मैं तो आया आया,
थारे दरबार माता रानी ए।
दोहा – जसोल गढ़ सुहावनो,
और मालानी सिरमौर,
भटियाणी रो देवरो,
मै निवन करा कर जोड।
जसोल नगरी मायने,
और मन्दिर बनीयो जोर,
कोयला टवुका करे,
जटे मधुरा बोले मोर।
मैं तो आया आया,
मै तो आया आया,
थारे दरबार माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
मालानी रे जसोल गढ मे,
मन्दिर बनीयो भारी,
मालानी रे जसोल गढ मे,
मन्दिर बनीयो भारी,
सूरज सामी बनीयो देवरो,
महिमा है अति भारी,
सूरज सामी बनीयो देवरो,
महिमा है अति भारी,
थाने ध्यावे ध्यावे,
मालवो मेवाड़ माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
दूर दूर सु आवे जातरी,
बालक ने नर नारी,
दूर दूर सु आवे जातरी,
बालक ने नर नारी,
दर्शन किया माजीसा रा,
दुखडा मिट जावे सारी,
दर्शन किया माजीसा रा,
दुखडा मिट जावे सारी,
थारी बोले बोले,
भगत जय जयकार माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
घिरत मिठाई चाढे चूरमा,
नारेल भोग लगावे,
घिरत मिठाई चाढे चूरमा,
नारेल भोग लगावे,
ढोल नगाडा बाजे घनेरा,
थारे मन्दिर आगे,
ढोल नगाडा बाजे घनेरा,
थारे मन्दिर आगे,
थारे बाजे बाजे,
झालर रो झनकार माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो।।
जसोल गढ रा माजीसा थे,
रिमझिम करता आवो,
जसोल गढ रा माजीसा थे,
रिमझिम करता आवो,
सवाई सिंह जी भोमिया ने,
संग मे लेता आवो,
सवाई सिंह जी भोमिया ने,
संग मे लेता आवो,
थे तो आईजो आईजो,
लाल बन्ना रे साथ माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
अर्जुन राव चरना रो चाकर,
थारा भजन बनावे,
अर्जुन राव चरना रो चाकर,
थारा भजन बनावे,
‘गणपत सिंह’ थारे चरना मे,
थाने शिश निवावेे,
‘मदन माली’ री अरज विनती,
थारा गुण गान गावे,
थे तो करजो करजो,
भवसागर सु पार माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
मैं तो आया आया,
मै तो आया आया,
थारे दरबार माता रानी ए,
शरणे आया री लजीया राखजो,
ओ मैया शरणे आया री लजीया राखजो।।
गायक – गणपतसिंह चौहान, मदन माली।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818