मैं तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
मैं तो बरसाने झोपड़ी बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
श्रीजी के महलों से रज लेकर आऊंगी,
पीली पोखर का वाहमें जल मैं मिलाऊंगी,
संतो को बुलवाकर मैं नीव धराऊंगी,
मै तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
झोपड़ी सजेगी मेरी राधा राधा नाम से,
चन्दन मंगाऊगी मैं सखियों के गाव से,
भईया को बुलवाकर कीर्तन करवाउंगी,
मै तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
भजन करुँगी सारी रैन ना मैं सोऊंगी,
दरवाजा बंद करके जोर से मैं रोऊंगी,
मेरी चीखे सुन सुनकर वो रुक नहीं पाएंगी,
मै तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
आएंगी किशोरी जी तो भोग मैं बनाऊंगी,
लाडली आरोही की में चवर डूलाऊंगी,
वह शयन मैं जाएंगी मैं चरण दबाऊंगी,
मै तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
ढोलकी बजाए हरिदासी बड़े जोर से,
भाव सुने रे बृजवासी बड़े गौर से,
मैं मन ही मन सबके चरणन बिछ जाऊंगी,
मै तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
मैं तो बरसाने कुटिया बनाऊंगी सखी,
मैं तो बरसाने झोपड़ी बनाऊंगी सखी,
बनाऊंगी सखी, रह जाउंगी सखी।।
Singer – Shri Haridasi Happy Sharma
Sent By – Karan kathuria 9560170932