मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गई रे,
मैं तो मस्तानी मस्तानी मस्तानी हो गयी रे,
तेरे नाम की रंगी चुनरिया मैने ओढ़ी रे,
तेरे नाम की रंगी चुनरिया मैने ओढ़ी रे,
मैं तो दीवानी मैं तो मस्तानी,
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गयी रे।।
अँखियों में अब नूर श्याम का,
अंग अंग वो ही समाया,
ऐसा चढ़ा सुरूर नाम का,
दिन दिन बढ़े सवाया,
वो मालिक मैं दास नी मानी,
प्यारी जोड़ी रे, प्यारी जोड़ी रे,
मैं तो दीवानी, मैं तो मस्तानी,
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गयी रे।।
नंद नंदन हरी मन हर रसिया,
आन बसे मन मोरे,
दीन जान के छोड़ो ना प्रभु,
पाँव पडूँ मैं तोरे,
छोड़ जगत को मैं हरी दासी,
हो गयी तेरी रे, प्यारी जोड़ी रे,
मैं तो दीवानी, मैं तो मस्तानी
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गयी रे।।
बीच सभा में द्रुपद सूता जब,
रो रो तुमको पुकारी,
खेंचत चिर दुशासन हारयो,
आप बने प्रभु साड़ी,
हाथ उठा कर कहूँ नाथ पत,
राखियो मोरी रे,
मैं तो दीवानी, मैं तो मस्तानी,
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गयी रे।।
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गई रे,
मैं तो मस्तानी मस्तानी मस्तानी हो गयी रे,
तेरे नाम की रंगी चुनरिया मैने ओढ़ी रे,
तेरे नाम की रंगी चुनरिया मैने ओढ़ी रे,
मैं तो दीवानी मैं तो मस्तानी,
मैं तो दीवानी दीवानी दीवानी हो गयी रे।।
स्वर – मीनू शर्मा जी।