मैं तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मुझे भाये नहीं कोई द्वार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मै तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे।।
तर्ज – मैं तो छोड़ चली बाबुल।
जग जननी रण चंडी,
अम्बे माँ काली,
वो मेहरा वाली है,
वो शेरा वाली,
हो ओ ,, सुने भक्तो के,
सुने भक्तो के मन की पुकार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मै तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे।।
मुंड माला पहने,
वो सिंह पे विराजे,
सतरंगी चोले में,
मैया क्या साजे,
हो ओ ,, करे वो सारे,
करे वो सारे भक्तो से प्यार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मै तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे।।
पावन लगे बाण,
गंगा की धारा,
माँ की गुफा का है,
सुन्दर नजारा,
हो ओ ,, लगे दर्शन को,
लगे दर्शन को लम्बी कतार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मै तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे।।
मैं तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मुझे भाये नहीं कोई द्वार,
मैया का भवन प्यारा लगे,
मै तो देख आई सारे दरबार,
मैया का भवन प्यारा लगे।।