मैं तो देख्यो रे मंडफिया माय,
साँवरिया का ठाट घणा,
ओ सिखर मंदिरया रे माय,
सेठ है मोठा गणा।।
सिखर मंदरियो लागे है रुपालो,
क़ानूड़ो मारो गणो नखरलो,
ओ बैठा मंडफिया माय,
सेठा का सेठ बड़ा,
मै तो देख्यो मंडफिया रे माय,
साँवरिया का ठाट गणा।।
मैन रोड पे गेट है प्यारो,
सोना को कलस यो लागे है रुपालो,
मै तो देख्यो मंडफिया रे माय,
साँवरिया का ठाट गणा।।
अरे चौदस को थारे खुले है खजानो,
रुपया को थाके गनो लागे है जी ढकलो,
ए निकले है लाख करोड़,
सेठा मे सेठ बड़ा,
मै तो देख्यो मंडफिया रे माय,
साँवरिया का ठाट गणा।।
अरे रंग बिरंगी फुलडा की क्यारी,
सांवरिया की लीला है न्यारी,
ओ सरना मे राखों मारा श्याम,
भगता का मन मे बस्या,
मै तो देख्यो मंडफिया रे माय,
साँवरिया का ठाट गणा।।
मैं तो देख्यो रे मंडफिया माय,
साँवरिया का ठाट घणा,
ओ सिखर मंदिरया रे माय,
सेठ है मोठा गणा।।
गायक – सुनील कुमावत।
प्रेषक – शम्भू कुमावत।
9981101560