मैं तो गोविन्द गोविन्द गाउंगी,
दोहा – राणा थारे महल अटारे,
छोड़ यही सब जाऊं,
मैं तो हो गई श्याम दीवानी,
ऐ जी में तो हो गई,
मेरे पिया की दीवानी,
मेरे कान्हा की दीवानी,
मेरे श्याम की दीवानी।
राणा जी थारे महल चौबारे,
छोड़ यही सब जाऊंगी,
मैं तो गोविन्द गोविन्द गाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी।।
देखे – थारी माया नगरिया कई काम की।
वृन्दावन में जाकर रहूंगी,
सुख दुःख अपने आप सहूंगी,
प्रेम प्रीत के बांध के घुंघरू,
प्रेम प्रीत के बांध के घुंघरू,
नाच नाच बल खाऊंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी।।
गोरे तन पर भस्म लगाके,
जोगन वाला भेष बनाकर,
ब्रज की रज मस्तक पर मल के,
ब्रज की रज मस्तक पर मल के,
यमुना के बीच नहाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी।।
क्या करने तेरे हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति,
कान्हा में मेरे प्राण बसे है,
कान्हा में मेरे प्राण बसे है,
मनमोहन में समाऊंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी।।
राणा जी थारे महल चौबारे,
छोड़ यही सब जाऊंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी,
मैं तो गोविंद गोविंद गाउंगी।।
Singer – Anjali Dwivedi
Upload By – Hema Bhatt