मैं तो हर रोज,
प्रभु गुण गाया करूँ,
गुण गाया करूँ,
हरि को ध्याया करूँ,
हाँ रिझाया करूँ।।
मुझे प्रभु के दर्शन की,
अभिलाषा है,
यही आशा है बस,
यही आशा है,
हरि दर्शन बिना,
ये जीवन ही क्या,
ऐसा गाया करूँ,
मै तो हर रोज़,
प्रभु गुण गाया करूँ।।
तुझे सिर्फ देखे ये,
मेरे नयन,
करना पड़े चाहे,
जितने जतन,
तुझे पाके रहेंगे,
या मर जायेंगे,
ये सुनाया करूँ,
मै तो हर रोज़,
प्रभु गुण गाया करूँ।।
मुझे तुझपे पूरा,
यकीं है प्रभु,
मिलेगा मुझे तू,
कभी न कभी,
तू मिलेगा जहां,
राजेंद्र जाये वहां,
गुनगुनाया करूँ,
मै तो हर रोज़,
प्रभु गुण गाया करूँ।।
मैं तो हर रोज,
प्रभु गुण गाया करूँ,
गुण गाया करूँ,
हरि को ध्याया करूँ,
हाँ रिझाया करूँ।।
गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340