देखी है जब से मैंने,
मोहनी मुरतिया,
नैनों में समा गई है,
सांवली सुरतिया,
दूर हो गई है अब तो,
सारी परेशानी,
मैं तो हो गई हो गई,
श्याम की दीवानी।।
शाम सवेरे होठों पे मेरे,
बस तेरा एक नाम है,
और ना चाहूं कहीं भी रहना,
घर मेरा ब्रज धाम है,
सुख से दुख से हुई मैं बेगानी,
मैं तो हो गयी हो गयी,
श्याम की दीवानी।।
मेरे मोहन मैं तेरी जोगन,
जीवन तुझपे समर्पित है,
अंतर्मन में तुम ही बसे हो,
दूजा ना कोई मीत है,
चरणों की सेवा में बीते जिंदगानी,
मैं तो हो गयी हो गयी,
श्याम की दीवानी।।
देखी है जब से मैंने,
मोहनी मुरतिया,
नैनों में समा गई है,
सांवली सुरतिया,
दूर हो गई है अब तो,
सारी परेशानी,
मैं तो हो गई हो गई,
श्याम की दीवानी।।
गायिका – देवी राधे प्रिया जी।
रचनाकार – मिलन श्रीवास।
9300212385