मैं तो नंदबाबा के घर जाऊंगी,
मैं तो नंदबाबा के डिंग जाऊंगी,
बधाई लेकर आऊंगी।।
मैंने सुना है वहां लाला भयो है,
लाला भी जग से निराला भयो है,
जाके लाला के दर्शन पाऊंगी,
बधाई लेके आऊंगी।।
गोने में लाई थी जो पचरंग साडी,
जयपुरिया लहँगा वापे गोटे की किनारी,
मैं तो लहर लहर लहराऊंगी,
बधाई लेके आऊंगी।।
एक ही आस लगे मेरे मन में,
कब पहुंचूगी मैं नंद भवन में,
मुख निरख निरख बलि जाउंगी,
बधाई लेके आऊंगी।।
मैं तो नंदबाबा के घर जाऊंगी,
मैं तो नंदबाबा के डिंग जाऊंगी,
बधाई लेकर आऊंगी।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी।
प्रेषक – मानसिंह कुशवाहा।
9685929268