मैंने अर्ज़ी लगायी मेरे श्याम को,
बाबा ले लो खबरिया एक बार हो,
किसने आकर मेरी चलाई नाव हो,
ना ही माझी दिखे ना पतवार हो,
मैंने अर्ज़ी लगाई मेरे श्याम को।।
तर्ज – मन क्यों बहका रे बहका।
दुःख के बदल मंडराए,
काली रात को,
नैया डोले रे डोले,
खाये हिचकोले डोले रे डोले,
बाबा साथ दो,
छोड़ ना देना बाबा,
दुखिया अनाथ को,
तू तो सबसे बड़ा है दीनानाथ हो,
बाबा ले खबरिया एक बार हो,
मैंने अर्ज़ी लगाई मेरे श्याम को।।
आपके बिना ना,
नैया पार हो,
आये कोई तूफां,
या तेज़ धार हो,
कैसे रोकूं बोलो,
आंसू की धार को,
आजा करके सवारी,
लीले साथ हो,
बाबा ले खबरिया एक बार हो,
मैंने अर्ज़ी लगाई मेरे श्याम को।।
‘रंजीता’ गाये आज,
पुकार आपको,
आंधी हो या तूफां,
बचाना नाव को,
‘सत्य’ कहता ये ही है,
अरदास हो,
‘ज्योति’ लिखती,
ना टूटे विश्वास हो,
बाबा ले खबरिया एक बार हो,
मैंने अर्ज़ी लगाई मेरे श्याम को।।
मैंने अर्ज़ी लगायी मेरे श्याम को,
बाबा ले लो खबरिया एक बार हो,
किसने आकर मेरी चलाई नाव हो,
ना ही माझी दिखे ना पतवार हो,
मैंने अर्ज़ी लगाई मेरे श्याम को।।
Singer – Ranjeeta Shahi