मैंने कर ली सांवरिया से यारी,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
कोई कहे रेे धूर्त पाखंडी,
कोई कहे रेे अनाड़ी,
कोई कहे मतलब को पक्को,
कपट हरण होशियारी,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
कोई केवे मुफ्त को खावे,
इज्जत गमाई सारी,
कोई केेवे अचंभो आवे,
पार पड़ेली किया थारी,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
कोई कह रे भगत बन बैठो,
कोई कह रे संसारी,
कोई तो आदर देवे,
कोई देवे मुख पर गाली,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
सोच फीकर मत कर रे ‘राजू’,
भजले श्याम मुरारी,
डूबी नाव यो पार लगावे,
खाटू को सिरदारी,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
मैंने कर ली सांवरिया से यारी,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
दुनियादारी कुछ भी कहे,
मैंने कर ली साँवरिया से यारी,
यह दुनियादारी कुछ भी कहे।।
गायक – भागवत जी सुथार।
प्रेषक – शानू ठाकरिया।
9610489087