एक मन कि बात बताऊ मै,
थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै,
मैंने रख लो अपने पास सतगुरु जी,
थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी।।
तर्ज – तू पागल प्रेमी आवारा।
जो कह दे वो काम करू,
ना उल्टे कदम हटाऊँ,
बैठे बैठे हुकुम दियो,
मैं सारे हुकम पुगाऊ,
थारी सारी सेवा ठाउँ मै,
थारा रज रज शुक्र मनाऊ मै,
मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी,
थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी।।
सतगुरु जी थारा सत्संग सुन क,
आनंद काया होज्या,
सतगुरु जी की शरण रह जो,
सारे तिर्थ नहजया,
थारे ज्ञान सरोवर नहाऊं मै,
मल मल क गोते लाऊ मैं,
मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी,
थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी।।
सतगुरु अनिल स्वामी जी,
थारी अजब निराली माया,
नरेश भगत और राहुल प,
थारी रहती छतर छाया,
देवेंद्र भजन सुनाए जा,
थारी जग में महिमा गाए जा,
मैने रख लो अपने पास सतगुरु जी,
थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी।।
एक मन कि बात बताऊ मै,
थारे चरणा शीश झुकाऊँ मै,
मैंने रख लो अपने पास सतगुरु जी,
थारा बन क रहूंगा दास सतगुरु जी।।
गायक – राहुल भगत हाट।
9467659939