मैंने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है,
मेरे घर में कोई कमी नहीं,
बस तेरा आना बाकी है।।
जो मेरे घर में आओगे,
मेरा घर तीरथ बन जाएगा,
मैं भी तर जाऊंगा गुरुवर,
जो आएगा तर जाएगा,
इज्जत शोहरत दौलत भी मिली,
मेहरों का खजाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।
हर मुराद पूरी होती है,
गुरु तेरे ही दरबार में,
तेरे दर जैसा नहीं देखा,
मैंने दर कोई संसार में,
दर-दर की ठोकरें खाई हैं,
बस तेरा ठिकाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।
गुरु भक्त तेरे भोले भाले,
सब तेरे शुक्रगुजार हैं,
तेरी कृपा से सब को मिली,
गुरु खुशियां अपरंपार है,
तर गए हैं लाखों भक्त तेरे,
सेवादार दीवाना बाकी है,
मैने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है।।
मैंने सब कुछ पाया गुरुवर,
तेरा दर्शन पाना बाकी है,
मेरे घर में कोई कमी नहीं,
बस तेरा आना बाकी है।।
गायक व लेखक – आनन्द राज बर्मन।
संपर्क सूत्र – 6396273131