मैया को अपने घर बुलाएंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
तर्ज – पलकें ही पलकें बिछाएंगे।
सोने की झारी में,
गंगा जल मंगवाया,
मैया के स्वागत में,
चन्दन चौक पुराया,
हाथों से चरणों को धुलायेंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
मैया की प्यारी सी,
चुनरी है बनवाई,
चाँदी के प्याले में,
मेहंदी है घुलवाई,
माँ के हाथों मेहंदी रचायेंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
मैया की नथली में,
हिरा है जड़वाया,
माथे की बिन्दी को,
सोने में घड़वाया,
चाँदी की पायलियाँ पहनायेंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
फूलों के प्यारे से,
गजरे है मंगवाए,
‘हर्ष ‘कहे थाली में,
रोली मोली लाए,
हाथों से माँ को हम सजायेंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
मैया को अपने घर बुलाएंगे,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ाएंगे।।
Singer – Keshav Madhukar