मैया मन खो गया है मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में,
बड़ी दूर से आया हूं माँ,
तेरे दर्श की आशा में,
मैया मन खो गया हैं मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में।।
तेरी मर्जी पे आया हूँ माँ,
अब अर्जी हमारी है,
तेरी किरपा दिखा देना माँ,
सारे कष्ट मिटा दे मैया,
मैया मन खो गया हैं मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में।।
तेरे चरणों की धूल से माँ,
सारे जग में उजाला है,
‘लखु’ तेरे भरोसे है मां,
अब दर्श दिखा दे मैया,
मैया मन खो गया हैं मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में।।
मैया मन खो गया है मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में,
बड़ी दूर से आया हूं माँ,
तेरे दर्श की आशा में,
मैया मन खो गया हैं मेरा,
तेरे ऊंचे पहाड़ों में।।
गायक / लेखक – लखन सियोता।