माजीसा री मैं तो करूँ सेवना,
माजीसा री मै तो करूँ सेवना,
रानी भटियाणी सा ने हेलो,
रानी भटियाणी ने हेलो,
मै तो चरना मे ज्योति जगावु,
मै तो नितरा दर्शन पावु,
मै तो गाँव जसोल मे आवु जी ओ माँ।।
अरे भादवा तेरस रो मेलो लागे,
भादवा तेरस रो मेलो लागे,
उजीयाली रात रो मेलो,
मै तो चरना मे चितडो लगावु,
मै तो चरना मे जमलो जगावु,
म्हारी माजीसा ने हेलो जी ओ माँ।।
हर पल मै तो सेवा सजावु,
हर पल मै तो सेवा सजावु,
माजीसा रो पाट पुरावु,
माजीसा रो पाट पुरावु,
मै तो बायोसा ने मनावु,
मै तो लाल बन्ना ने मनावु,
मै तो गाँव जसोल मे आवु जी ओ माँ।।
सवाई सिंह जी रानी भटियाणी सा,
सवाई सिंह जी रानी भटियाणी सा,
खेतलाजी ने मनावु,
मै तो खेतलाजी ने मनावु,
मै तो बायोसा ने मनावु,
मै तो लाल बन्ना ने मनावु,
मै तो गाँव जसोल मे आवु जी ओ माँ।।
‘इन्द्र शर्मा’ जमला जगावे,
इन्द्र शर्मा जमला जगावे,
“गणपत सिंह गुण गावे,
गणपत चरना मे आवे,
मैया चरना मे धोक लगावे,
थारे पैदल पैदल आवे,
मैया गाँव जसोल मे आवे जी ओ माँ।।
माजीसा री मैं तो करूँ सेवना,
माजीसा री मै तो करूँ सेवना,
रानी भटियाणी सा ने हेलो,
रानी भटियाणी ने हेलो,
मै तो चरना मे ज्योति जगावु,
मै तो नितरा दर्शन पावु,
मै तो गाँव जसोल मे आवु जी ओ माँ।।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818